दिलवाड़ा मंदिर माउन्ट आबू (DILWARA TEMPLE)
दिलवाड़ा मंदिर माउन्ट आबू
प्रसिद्ध जैन मन्दिर का निर्माण कार्य गुजरात के चालुक्य वंश (सोलंकी वंश) के शासक भीम प्रथम के सामंत विमल शाह ने राजस्थान के आबू पर्वत पर करवाया। निर्माण कार्य 11 वी व 13 वी ईस्वी में करवाया गया।
मंदिर की नक्काशी दार छत, द्वार व खंभे स्थापत्य कला के अद्भुत नमूने है। मंदिर के निर्माण में हाथियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही 1200 मीटर की ऊंचाई पर संगमरमर को पहुँचाने का कार्य हाथियों द्वारा ही अंजाम दिया गया।
मंदिर परिसर में पांच अलग अलग मंदिर है प्रत्यके मंदिर पांच जैन तीर्थांकरों को समर्पित है।
विमल वसही मंदिर : सबसे प्राचीन मंदिर है 1031 इस्वी में इसका निर्माण विमल शाह द्वारा किया गया ये मंदिर जैन धर्म के प्रथम तीर्थांकर श्री ऋषभ देव (आदिनाथ) को समर्पित है।
श्री पार्श्वनाथ मंदिर : 23 वे तीर्थांकर श्री पार्श्वनाथ जी को समर्पित है। दिलवारा मंदिरो में सबसे ऊँचा है इसका निर्माण 1458 -59 ईस्वी में किया गया था।
श्री ऋषभदेव जी मंदिर: पित्तल हारी नाम से प्रसिद्ध ये मंदिर गुजरती सामंत भीमा शाह द्वारा निर्मित है। यह मंदिर भी प्रथम तीर्थांकर ऋषभ देव जी को समर्पित है।
श्री नेमिनाथ जी मंदिर : 22 वे तीर्थांकर श्री नेमिनाथ को समर्पित 1230 ईसवी में निर्मित है।
bahut achha
ReplyDeleteImportant point
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